स्लॉट मशीन कैसे काम करते हैं? 

Chief Editor, Amit

Updated 26/03/2021

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जैसे-जैसे लोग डिजिटल रूप से सशक्त होते जा रहे हैं, वैसे-वैसे ही जुए का खेल और भी एडवांस और दिलचस्प बनता जा रहा है। भारत जैसे देश में भी कैसीनो का कारोबार बहुत ज़्यादा प्रसिद्द है। कोरोना महामारी ने कैसीनो के कारोबार को भी बदल कर रख दिया। भारत में ऑनलाइन कैसीनो का कारोबार तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। पहले जहाँ हम कैसीनो में पारम्परिक रूप से टेबल गेम को देखते थे, वहीँ, अब इसकी जगह स्लॉट मशीनें लेती जा रही हैं। स्लॉट मशीनों  के फंक्शन और इसकी कार्यप्रणाली को अधिकांश लोग नहीं समझते हैं, पर इसके फंक्शन्स और कार्यप्रणाली बहुत ही आसान और दिलचस्प हैं।

स्लॉट मशीनों के आने से यह हुआ कि इसके माध्यम से लोग बिना किसी गैंबलिंग जानकारी के भी आसानी से जुआ खेलने लगे। कुल मिला कर कहें तो इसने जुए के खेल को और भी आसान एवं  दिलचस्प बना दिया है।

स्लॉट मशीन के नए फीचर्स

पिछले कुछ वर्षों में स्लॉट मशीनों ने खुद को और भी ज़्यादा अपडेट किया है। ये स्लॉट मशीने कप्यूटर की एडवांस तकनीकों से संचालित हैं, जिन्होंने क्लासिक मैकेनिकल डिजाइनों को मार्किट में साइड कर दिया है। ये स्लॉट मशीनें गीयर और लीवर के सहयोग से संचालित होते हैं। इसमें एक Shaft होता है जो रील्स को जोड़े रखता है और यह shaft एक हैंडल से जुड़ा होता है जो चीजों को गतिशील बनता है। इसमें एक ब्रेक भी होता है जो गतीशील reel को रोकता है और सेंसर रीलों की स्थिति को पेआउट सिस्टम तक पहुँचाता है। एक सिक्का डिटेक्टर शुरू में यह मानता है कि एक सिक्का डाला गया है और एक ब्रेक को अनलॉक करता है ताकि हैंडल हिल सके।

स्लॉट मशीनों में एक Shaft पर तीन रील्स होते हैं। इसके नीचे एक दूसरा Shaft एक किकर, धातु का एक टुकड़ा जिसमें तीन पैडल होते हैं, का समर्थन करता है। किकर पैडल को पंक्तिबद्ध किया जाता है ताकि वे तीन डिस्क पर notches के विपरीत धक्का दे सकें। दूसरा दस्ता भी जुड़े हुए स्टॉपर्स, दांतों की एक श्रृंखला का समर्थन करता है जो डिस्क पर निशान में लॉक होते हैं। किकर और स्टॉपर्स दोनों स्प्रिंग्स से जुड़े हुए होते हैं, जो उन्हें स्टैंडबाय की स्थिति में रखते हैं। डिस्क के पीछे किकर को रखा जाता है, जबकि स्टॉपर्स को डिस्क के विपरीत रखा जाता है, उन्हें उसी जगह में लॉक किया जाता है।

जब आप एक स्लॉट मशीन पर हैंडल खींचते हैं, तो यह काम करता है। स्लॉट मशीन के लेआउट में तीन या अधिक रीलों को प्रदर्शित करने वाली एक स्क्रीन होती है जो गेम के सक्रिय होने पर ‘स्पिन’ करती है। कुछ आधुनिक स्लॉट मशीनों में अभी भी एक ट्रिगर के रूप में स्क्यूओमॉर्फिक डिज़ाइन विशेषता के रूप में लीवर शामिल है। हालाँकि, प्रारंभिक मशीनों के यांत्रिकी को यादृच्छिक संख्या जेनरेटर द्वारा अलग किया गया है, और अब बटन और टचस्क्रीन का उपयोग करके संचालित किया जाता है।

स्लॉट मशीनों में एक या एक से अधिक मुद्रा डिटेक्टर शामिल होते हैं जो भुगतान के रूप को मान्य करते हैं, चाहे सिक्का, नकदी, वाउचर हो या फिर टोकन। रीलों की स्पिनिंग को रोकने पर प्रदर्शित प्रतीकों के पैटर्न के अनुसार मशीन भुगतान करती है। स्लॉट मशीन कैसीनो में बहुत ही लोकप्रिय हैं। इसके फंक्शन्स इतने आसान हैं कि एक बच्चा भी इसे खेल सकता है। स्लॉट मशीन पर जुए खेलने का अनुभव किसी जादू देखने के जैसा है।

गौरतलब है कि स्लॉट मशीन का प्रयोग अब सामान्य मनोरंजन के गेम्स के लिए भी किया जा रहा है, पर कैसीनो  के लिए इस्तेमान होने वाले स्लॉट मशीन उच्च तकनीक के होते हैं। ये कुछ सेकेंड्स में ही हज़ारों नंबर्स जेनरेट कर सकते हैं। यही कारण है कि इस मशीन ने जुए के खेल को बहुत ही गतिशील बना दिया है।